गुप्तकाल के दो नोट्स हमने पहले ही बना दिए है आप चाहे तो यहाँ से उन्हें पढ़ सकते है :-
स्कन्दगुप्त
- उपाधि – क्रमादित्य
- अन्यनाम – देवराय
- स्कन्दगुप्त के शासन काल में प्रथम हूण आक्रमण हुआ जिसे स्कंदगुप्त ने विफल कर दिया।
- स्कन्दगुप्त ने अपनी राजधानी अयोध्या में स्थानांतरित की थी।
स्कंदगुप्त के उत्तराधिकारी
- पुरूपुप्त – कुमारगुप्त द्वितीय – बुद्धगुप्त – नरसिंहगुप्त – भानुगुप्त
भानुगुप्त
- इसकी जानकारी एरण अभिलेख से प्राप्त होती है।
- भानुगुप्त का मित्र गोपराज, भानुगुप्त की ओर से हूणों से लड़ता हुआ वीरगति को प्राप्त हुआ तथा गोपराज की पत्नि आग में जलकर सती हो गयी।
- एरण अभिलेख में सतीप्रथा का पहला अभिलेखीय साक्ष्य मिलता है।
विष्णुगुप्त –3
- यह गुप्तवंश का अंतिम शासक था। इसके बाद गुप्त साम्राज्य छिन्न-भिन्न हो गया था।
गुप्त साम्राज्य के पतन के कारण
- अयोग्य तथा निर्बल उत्तराधिकारी
- शासनक व्यवस्था का संघात्मक/विकेन्द्रित स्वरूप
- उच्च पदों पर नियुक्ति योग्यता के आधार पर न होकर आनुवांशिक।
- प्रांतीय शासकों को विशेषाधिकार प्रदान करना।
- बाह्म आक्रमण।
#गुप्तकाल नोट्स #guptkal notes #guptkal notes in hindi #guptkal notes by mukesh sir
गुप्तकाल का प्रशासन
- राजत्व का दैवीय उत्पत्ति सिद्धांत लोकप्रिय था।
- राजपद वंशानुगत था परन्तु ज्येष्ठाधिकार की अटल प्रथा का अभाव था।
- गुप्तकाल प्रशासन विकेन्द्रीकरण व्यवस्था पर आधारित अथवा संघात्मक था। प्रमाण: सामन्तों/प्रांत अधिकारियों को प्राप्त विशेषाधिकार।
- राजा न्याय व्यवस्था का प्रधान होता था परन्तु विधि निर्माण का अधिकार सीमित था। राजा का मुख्य कार्य जनता की एवं राज्य की सुरक्षा, वर्ण व्यवस्था कायम रखना तथा धर्म की रक्षा करना था।
केन्द्रीय प्रशासन एवं प्रांतीय प्रशासन | |
राजा | प्रशासन का सर्वोच्च अधिकारी कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं सैन्य प्रधान। विधि निर्माण का अधिकार नहीं। |
देश/राष्ट्र | प्रशासन की सबसे बड़ी इकाई इसका शासक गोप्ता होता था |
भुक्ति/प्रांत | देश भुक्तियों में बंटा हुआ होता था। यहां कुमारमात्यों को नियुक्त किया जाता था। यहां उपरिक नामक अधिकारी होता था। |
विषय/जिला | प्रांतों का विभाजन विषय/जिलों में होता था। इसका सर्वोच्च अधिकारी विषयपति था। विषयपति की सहायता श्रेष्ठि, सार्थवाह, कुलिक, कायस्थ करते थे। |
विधि/तहसील | विषय विधियों में बंटा होता था। |
पेठ | पेठ विधि से छोटी इकाई थी। गांवों का संघ। |
ग्राम/गांव | गुप्त कालीन प्रशासन की सबसे छोटी इकाई गांव थी। इसका प्रधान महत्तर/मुखिया या ग्राम वृद्ध होता था। |
गुप्तकाल के प्रशासनिक अधिकारी | |
महाबलाधिकृत | सेनापति |
महादण्डनायक | न्यायाधीश |
दण्डपाशिक | पुलिश विभाग का सर्वोच्च अधिकारी |
सन्धि विग्रहिक | युद्ध तथा संधि से संबंधित विदेश मंत्रि |
विनयस्थिति | शिक्षा एवं धार्मिक मामलों का प्रधान |
महाअक्षपटलिक | लेखा विभाग का सर्वोच्च अधिकारी |
चौरोदरनिक | गुप्तचर विभाग का प्रधान |
अग्रहारिक | दान विभाग का प्रधान |
भाण्डागाराधिकृत | राजकोष अधिकारी |
Important books for BSSC
- MB Bihar Secretariat Assistant, 3rd Graduate, Combined Preliminary Examination 2022 BSSC, CGL (Hindi)
- 20 Practice Sets & Guide for BSSC-CGL (3rd Graduate Level Combined Preliminary Competitive Examination in Hindi) 2022 Edition
- Kiran S Ssc Cgl Combined Graduate Level Exams Question Bank 1999 Till Date (Solved Papers Of Previous Year Exams) – 2113 – Hindi
- Advance Maths Book for SSC CGL, CHSL, CPO and Other Govt. Exams
- SSC CGL (Tier-1) Sanyukt Snatak Stariya Question Bank